श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 0: श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण माहात्म्य  »  सर्ग 2: नारद सनत्कुमार-संवाद, सुदास या सोमदत्त नामक ब्राह्मण को राक्षसत्व की प्राप्ति तथा रामायण-कथा-श्रवण द्वारा उससे उद्धार  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  0.2.12 
 
 
अथ तत्र सभामध्ये नारायणपरायणम्।
सनत्कुमार: प्रोवाच नारदं मुनिपुंगवम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनन्तर मुनियों की सभा में सनत्कुमारजी ने भगवान नारायण के परम भक्त मुनिवर नारद से इस प्रकार कहा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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