वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 0: श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण माहात्म्य
»
सर्ग 2: नारद सनत्कुमार-संवाद, सुदास या सोमदत्त नामक ब्राह्मण को राक्षसत्व की प्राप्ति तथा रामायण-कथा-श्रवण द्वारा उससे उद्धार
»
श्लोक 12
श्लोक
0.2.12
अथ तत्र सभामध्ये नारायणपरायणम्।
सनत्कुमार: प्रोवाच नारदं मुनिपुंगवम्॥ १२॥
अनुवाद
play_arrowpause
तदनन्तर मुनियों की सभा में सनत्कुमारजी ने भगवान नारायण के परम भक्त मुनिवर नारद से इस प्रकार कहा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.