वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भगवद्-गीता
»
अध्याय 9: परम गुह्य ज्ञान
»
श्लोक 17
श्लोक
9.17
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह: ।
वेद्यं पवित्रम् ॐकार ऋक् साम यजुरेव च ॥ १७ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
मैं इस ब्रह्मांड का पिता, माता, आश्रय और पितामह हूं। मैं ज्ञान का विषय, शुद्ध करने वाला और ॐ शब्द हूं। मैं ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद भी हूं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.