श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 9: परम गुह्य ज्ञान » श्लोक 14 |
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| | श्लोक 9.14  | |  | | सततं कीर्तयन्तो मां यतन्तश्च दृढव्रता: ।
नमस्यन्तश्च मां भक्त्या नित्ययुक्ता उपासते ॥ १४ ॥ | | अनुवाद | | ये श्रेष्ठ व्यक्ति दृढ निश्चय के साथ हर समय मेरा गुणगान करते हैं, मुझे नमन करते हैं और पूर्ण भक्तिभाव से निरंतर मेरी पूजा करते हैं। | |
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