श्रीमद् भगवद्-गीता  »  अध्याय 9: परम गुह्य ज्ञान  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  9.1 
 
 
श्रीभगवानुवाच
इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे ।
ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽश‍ुभात् ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  श्रीभगवान् ने कहा- हे अर्जुन! तू मुझसे कभी ईर्ष्या नहीं करता, इसलिए मैं तुम्हें ये अतिविशिष्ट और गूढ़ ज्ञान व इसकी अनुभूति प्रदान करूँगा, जिसे जानकर तुम संसारिक दुःखों से मुक्त हो जाओगे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.