वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भगवद्-गीता
»
अध्याय 7: भगवद्ज्ञान
»
श्लोक 6
श्लोक
7.6
एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय ।
अहं कृत्स्नस्य जगत: प्रभव: प्रलयस्तथा ॥ ६ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
सभी प्राणियों की उत्पत्ति इन दोनों शक्तियों से होती है। इस संसार में जो कुछ भी भौतिक और आध्यात्मिक है, उसकी उत्पत्ति और विनाश मैं ही हूँ, यह निश्चित रूप से जान लो।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.