अथवा योगिनामेव कुले भवति धीमताम् ।
एतद्धि दुर्लभतरं लोके जन्म यदीदृशम् ॥ ४२ ॥
अनुवाद
अथवा (अगर योग का दीर्घकाल तक अभ्यास करने के बाद भी सफलता न मिले तो) वह ऐसे योगियों के परिवार में जन्म लेता है जो निश्चित ही ज्ञान में श्रेष्ठ होते हैं। यह संसार में दुर्लभ जन्म होता है।