आरुरुक्षोर्मुनेर्योगं कर्म कारणमुच्यते ।
योगारूढस्यतस्यैव शम: कारणमुच्यते ॥ ३ ॥
अनुवाद
जो अष्टांग योग के नवसाधक है, उसके लिए कर्म ही साधन माना जाता है; और जो योगसिद्ध पुरुष होते हैं, उनके लिए सभी भौतिक कार्यकलापों को करना छोड़ देना ही साधन माना जाता है।