न तद्भासयते सूर्यो न शशाङ्को न पावक: ।
यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम ॥ ६ ॥
अनुवाद
मेरा वो परम धाम ना सूरज के प्रकाश से जगमगाता है, ना ही चांद के प्रकाश से, ना ही आग से और ना ही बिजली से। क्योंकि जो भी वहाँ पहुँच जाता है, वो फिर से इस भौतिक दुनिया में नहीं लौटता।