श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 10: श्रीभगवान् का ऐश्वर्य » श्लोक 26 |
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| | श्लोक 10.26  | |  | | अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारद: ।
गन्धर्वाणां चित्ररथ: सिद्धानां कपिलो मुनि: ॥ २६ ॥ | | अनुवाद | | वृक्षों में मैं पीपल का पेड़ हूँ, देवताओं के बीच में मैं नारद हूँ। गंधर्वों में मैं चित्ररथ हूँ, और सिद्ध लोगों में मैं कपिल मुनि हूँ। | |
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