श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 10: श्रीभगवान् का ऐश्वर्य » श्लोक 21 |
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| | श्लोक 10.21  | |  | | आदित्यानामहं विष्णुर्ज्योतिषां रविरंशुमान् ।
मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी ॥ २१ ॥ | | अनुवाद | | मैं आदित्यों में विष्णु हूँ, रोशनी में मैं तेजस्वी सूर्य हूँ, मरुतों में मैं मरीचि हूँ और नक्षत्रों में मैं चन्द्रमा हूँ। | |
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