अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम ।
नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थ तान्ब्रवीमि ते ॥ ७ ॥
अनुवाद
किन्तु हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! आपको जानकारी के लिए मैं अपनी सेना के उन नायकों के विषय में बताना चाहूँगा जो मेरी सेना को संचालित करने में खास तौर पर पारंगत हैं।