वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भगवद्-गीता
»
अध्याय 1: युद्धस्थल परीक्षण एवं अर्जुन विषाद योग
»
श्लोक 45
श्लोक
1.45
यदि मामप्रतीकारमशस्त्रं शस्त्रपाणयः ।
धार्तराष्ट्रा रणे हन्युस्तन्मे क्षेमतरं भवेत् ॥ ४५ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
यदि धृतराष्ट्र के शस्त्रधारी पुत्र युद्धक्षेत्र में मेरे असहाय तथा प्रतिरोध न करने के कारण मुझे मार डालें, तो यह मेरे लिए कल्याणकारी होगा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.