श्रीमद् भगवद्-गीता  »  अध्याय 1: युद्धस्थल परीक्षण एवं अर्जुन विषाद योग  »  श्लोक 21-22
 
 
श्लोक  1.21-22 
 
 
अर्जुन उवाच
सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत ।
यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्‍धुकामानवस्थितान् ॥ २१ ॥
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्‍रणसमुद्यमे ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  अर्जुन ने कहा- हे अच्युत! कृपा करके मेरे रथ को दोनों सेनाओं के बीच में ले जाएं ताकि मैं यहां उपस्थित युद्ध की इच्छा रखने वालों को और शस्त्रों की इस महान परीक्षा में, जिनसे मुझे संघर्ष करना है, उन्हें देख सकूं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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